देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys product contentment and spiritual bliss in this entire world and hereafter ascends into the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the struggling of all and grants them eternal bliss.
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
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अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
Chanting of Shiva Chalisa is finished by the devotees in an effort to be sure shiv chalisa in hindi to and acquire the blessings in their beloved deity – more info Lord Shiva.